क्या लिखूं आज,शब्द कहीं खो से गए हैं,स्याही पन्नों पर बिखर-सी गई हैं, लफ्ज़ ख़ामोश बैठे हैं। ज़ज्बात रूठे से लगते हैं। कहीं कोई खता तो ना हो गई,मुस्कुरा कर हमसे। #मुस्कुराकर