आज की मेरी कविता है नेता की औलाद डॉक्टर बनेगा न इंजीनियर बनेगा नेता की औलाद है तो नेता ही बनेगा खाएगा घूष जमके ये कुर्सी की आड़ में जनता भले ही चले जाए भाड़ में इंसान तो इंसान पशु और पक्षी भी गए भाड़ में नेताजी उनका भी खा गए चारा कुर्सी के दम पर गुंडागर्दी करेगा नेता की औलाद है तो नेता ही बनेगा ये वोट मांगने को पहले पैर पड़ेगा बनते ही नेता तुरंत सिर पर चढ़ेगा मतलब को ये माता-पिता और भाई बनाएगा बनते ही बात उन्हें दो लात जड़ेगा खुलेआम माल देश का चोरी करेगा नेता की औलाद है तो नेता ही बनेगा ना डॉक्टर बनेगा न इंजीनियर नेता की औलाद है नेता हीं बनेगा.... ©Gopika Somani #नेता_अंधभक्त नेता की औलाद