अना अपनी ज़रा सी बात पे ज़ाया नहीं करते किसी के सामने हम हाथ फैलाया नहीं करते भले ही भूख से मर जाएं, पर खुद्दार हैं इतने किसीसे माँगकर रोटी कभी खाया नहीं करते मग़र यदि प्यार से दे जाए कोई नून-रोटी भी तो हम उस प्रेम के तोहफ़े को ठुकराया नहीं करते भले ही काम की हो बात, पर लहज़े से ना बोले तो फिर उस शख़्स से एक लफ्ज़ बतियाया नहीं करते --प्रशान्त मिश्रा अना- स्वाभिमान, ज़ाया- व्यर्थ, नून- नमक, बतियाया- बातचीत करना खुद्दारी