ए मेरे रब, बेशक में गुनहगार हूं, पर ऐसी भी क्या नाराज़गी जो तूने मुझे तेरे घर आने से ही रोक दिया। दिन में पांच बार पुकार आती थी, आज एक पुकार के लिए कान तरस गए। या रब्बुल - आलमीन हम तमाम इंसानों पर रहम कर, हमें माफ करदे। May the lord of the worlds, protect humanity from every calamity and illnesses. #Allah #Islam #yqbhaijan #yqbaba #Islamic #yqhindi #yqdidi #muslim