तमीज रखो बातों में हर कोई झुक के नही मिलता। सोच समझ के चला करो हर कोई देख के नही चलता। दर्द को रखो अपने आप मे हर कोई दवा नही रखता। पहुँचना चाहते हो सलामत मंजिल तक हर कोई हर बात से इत्तेफाक नही रखता खुश रहोगे