सृष्टि का चलना, अंडे में जीव का पलना, रोज सूरज का निकलना। बादलों से पानी का गिरना, चंदा का चमकना, बिजली का कड़कना चमत्कार ही तो है।। फूलों का महकना, अग्नि का दहकना, पक्षियों का चहकना। पर्वतों के बढ़ना, लता का पेड़ पर चढ़ना, सांसों का चलना चमत्कार ही तो है।। कोई आदि शक्ति या है कोई खुदा, जिसने रचा है ये सारा जहाँ। ऐसा है क्या यहाँ इस सृष्टि में, चमत्कार हो ना हो वहां ।। चमत्कार