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ऐ सावन ऐ सावन अबकी आना तो ऐसे तुम आना ये बाज़ार

ऐ सावन

ऐ सावन अबकी आना 
तो ऐसे तुम आना

ये बाज़ार सड़के, सब सूने पड़े हैं
हवाओं में जाने ,कैसे विष घुल गए हैं
किया जीना दूभर ,ये आये कहाँ से
करे क्या जतन ,ले कैसे हम सांसे
ये विष पीने वाले ,महादेव संग लाना
ऐ सावन अबकी आना
तो ऐसे तुम आना

कुछ आये फ़रिश्ते ,कुछ खुदा बन के आये
कुछ आये मानवता का, सजरा दिखाए
कुछ पहने है ख़ाकी ,कुछ सफ़ेद कोट वाले
किया सबने खुद को, वतन के हवाले
अब भी है काले, कईयों के चेहरे
कईयों के मन ,अब भी है काले
धो जाना फ़िजा ,मन का मैल धोते जाना
ऐ सावन अबकी आना
तो ऐसे तुम आना

चादर हरी ओढ़े, तुम आती हो जब भी
मुस्कुराता है अम्बर, खिलखिलाती है धरती
अब भी है बेबस , कितनी निगाहें
खाली है पेट ,और बंद है सब राहें
दूध की आस में तकते हैं बच्चें
जिंदगी से लड़ते ,मासूम सच्चे
मीले सबका हक़ ,ऐसी बूंदे बरसाना
ऐ सावन अबकी आना, तो ऐसे तुम आना
रेणु ऐ सावन
ऐ सावन

ऐ सावन अबकी आना 
तो ऐसे तुम आना

ये बाज़ार सड़के, सब सूने पड़े हैं
हवाओं में जाने ,कैसे विष घुल गए हैं
किया जीना दूभर ,ये आये कहाँ से
करे क्या जतन ,ले कैसे हम सांसे
ये विष पीने वाले ,महादेव संग लाना
ऐ सावन अबकी आना
तो ऐसे तुम आना

कुछ आये फ़रिश्ते ,कुछ खुदा बन के आये
कुछ आये मानवता का, सजरा दिखाए
कुछ पहने है ख़ाकी ,कुछ सफ़ेद कोट वाले
किया सबने खुद को, वतन के हवाले
अब भी है काले, कईयों के चेहरे
कईयों के मन ,अब भी है काले
धो जाना फ़िजा ,मन का मैल धोते जाना
ऐ सावन अबकी आना
तो ऐसे तुम आना

चादर हरी ओढ़े, तुम आती हो जब भी
मुस्कुराता है अम्बर, खिलखिलाती है धरती
अब भी है बेबस , कितनी निगाहें
खाली है पेट ,और बंद है सब राहें
दूध की आस में तकते हैं बच्चें
जिंदगी से लड़ते ,मासूम सच्चे
मीले सबका हक़ ,ऐसी बूंदे बरसाना
ऐ सावन अबकी आना, तो ऐसे तुम आना
रेणु ऐ सावन