छोड़ दिया उसने.. मुझको ऐसे छोड़ दिया.. शीशे का दिल था मेरा.. दिल को मेरे तोड़ दिया। टूटे दिल के टुकड़े लेकर.. दर-दर हूँ भटकती मैं.. आस का दिया दिल में जलाकर.. खुद धूं-धूं कर जलती मैं। जल जाऊँगी धीरे-धीरे.. जलकर फिर मैं बुझ जाऊँगी.. ठंडी हो जाउंगी फिर मैं.. राख बनकर उड़ जाउंगी। -Neetu Barak