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एक पल के लिए थम गई, ज़िन्दगी मेरी तेरे बिना। अब तू

एक पल के लिए थम गई, ज़िन्दगी मेरी तेरे बिना।
अब तू नहीं है साथ मेरे, फिर तुझ बिन कैसा जीना।

सतरंगी ये दुनिया मेरी, अब जैसे बेरंग हो गई हो।
घुट-घुटकर मैं जी रही हूँ, जैसे हो कोई ज़हर पीना।

आँखों में अब नींद नहीं है, दिल भी है अब बेक़रार।
सुध-बुध भी खो चुकी हूँ, मन भी अब लागे कहीं ना।

हसरतें सारी टूट चुकी हैं, अब कोई उम्मीद ना रही।
आँखों में जो क़ैद है दरिया, रो-रो कर पड़ेगा पीना।

साँसों पे भी ऐतबार न रहा, धड़कन भारी लगती है।
कैसे बताऊँ मैं हाल तुम्हें, मुश्किल हो गया मेरा जीना। ♥️ Challenge-875 #collabwithकोराकाग़ज़

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एक पल के लिए थम गई, ज़िन्दगी मेरी तेरे बिना।
अब तू नहीं है साथ मेरे, फिर तुझ बिन कैसा जीना।

सतरंगी ये दुनिया मेरी, अब जैसे बेरंग हो गई हो।
घुट-घुटकर मैं जी रही हूँ, जैसे हो कोई ज़हर पीना।

आँखों में अब नींद नहीं है, दिल भी है अब बेक़रार।
सुध-बुध भी खो चुकी हूँ, मन भी अब लागे कहीं ना।

हसरतें सारी टूट चुकी हैं, अब कोई उम्मीद ना रही।
आँखों में जो क़ैद है दरिया, रो-रो कर पड़ेगा पीना।

साँसों पे भी ऐतबार न रहा, धड़कन भारी लगती है।
कैसे बताऊँ मैं हाल तुम्हें, मुश्किल हो गया मेरा जीना। ♥️ Challenge-875 #collabwithकोराकाग़ज़

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