न तुमसे अब कोई बात होती है ना ही कभी मुलाक़ात होती है पर जब भी सुबह की चाय पीती हूं तो याद तुम्हारी आती है जिस पल मैंने तुम्हारे लिए सुबह की चाय बनाई थी और तुमने उसे अपने होंठों से लगाई थी। आज भी उसी कप में चाय पीती हूं मैं तुम्हारी याद में.... ©Kalpana Srivastava #याद MohiTRocK F44 महज़