रात की चकाचौंध में एक कोना तन्हाइयों का है मुस्कुराते चेहरे के पीछे एक चेहरा उदासियों का है इस शहर के कूचे-कूचे में कई-कई राज़ दफ़्न हैं जगमगाते शहर का एक हिस्सा, वीरानियों का है एक चमक देखी है मैनें उसकी झील सी आँखों में डूबा हूँ मैं जिस दरिया में, दरिया वो रानाइयों का है बेक़रार दिल का आलम न पूछो मुझसे बार-बार ग़लती जो हुई है मुझसे, कसूर आशनाइयों का है दिल में धड़कन की तरह तुम बस गई हो मेरे टूट कर चाहना है तुम्हे, ज़माना मनमानियों का है रात का ये क़हर इतना लंबा होगा, क्या पता था फ़ानी दुनिया में 'सफ़र' सबका रवानीयों का है रानाइ- सौंदर्य आशनाइ- मोहब्बत ♥️ Challenge-613 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ विषय को अपने शब्दों से सजाइए।