मैं कभी गालिब को लिखता हूं तो कभी मीर लिखता हूं, जब हिंदी का ज़िक्र हो तो हर लाइन में कबीर लिखता हूं, ओर मुझे इश्क हुआ था एक दौर ए गुजिस्ता में, इसलिए में हर कोरे कागज पे इश्क की तहरीर लिखता हूं। ✍️✍️ अजीम खान ✍️✍️ ©AJEEM KHAN #गालिब #मीर #इश्क # #writer