मुद्दते बाद मिले, फिर भी कफ़न ओढ़े हुए । याद कर वो, तेरी आखरी प्रोमिस ' मिलेंगे जरूर ' , वक्त के मुताबिक । देख तो सही, क्या साज है तेरा ख़ामोशी का कफ़न और, मेरे आनेका इंतजार ये किस बात की सजा है किस बात की सज़ा है ये... #सज़ा #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi