||कितने लम्हों को मैं बार-बार दोहराता हूँ, लम्हा छूटता ही नहीं, मैं खुद लम्हा बन जाता हूँ, कहने को सब फितूर है, ये भी खुद को समझाता हूँ, मगर उन लम्हों मैं ही तो खुद को मैं ज़िन्दा पाता हूँ|| #लम्हा #yqdidi #vineetvicky #maymoods #ufvoices #तुमबिन