अनुशीर्षक में पढ़े मासूम, कली कितनी मासूम कलियों को, मसल दिया जाता है खिलने से पहले....! कितने सपनों को तोड़, दिया जाता, बुनने से पहले...! ज़िस्म के सौदागरों के द्वारा, हुस्न की मंडी में, बोली लगा दी जाती, जीना सीखने से पहले....!