चेहरे पे ये मुस्कुराहट तो अब बस युहीं है असल में तो ये मेरे गम ढकने के कपड़े है पन्ने पलट हमने खुद को पढ़ा तो जाना ये ना भरते कुछ ज़ख्म मेरे वहशत के किस्से है चराग़ बुझा नासूर दर्द को स्याह से पकाता रात भर या'नी पढ़ कर शेर मेरे, आँखों का रोना भी ज़ाइके है वो सुन पाती तो कहता उससे इक मर्तबा नफ़रत के बावजूद मेरे आखरी लफ्ज़ उसके नाम के साथ ही गुज़रे है । तमाम पूछ्ताछ के बाद खुदकुशी ही लिखता हर अख़बार कामिल लाश से बरामद इकलौता हथियार जो मेरे सपने है । #kunalpoetry #gajal #lost_love #lostsoul #kamil #yqdidi #yqbaba #kunu