ज्यादा नहीं बस इतना ही है कहना
नहीं है एक हजारों में मेरी बहना,
तू वो शून्य है जिसके लगने से
इस भाई का मोल बढ़ जाता है,
उसी शून्य के चलते ही ये
सीना तान चल पाता है,
गलती आर्यभट्ट की नहीं थी
उसने तेरे जैसी बहन कहां पाई थी। #Love#Family#BirthDay#sister#कविता#familylove#SisterLove