बेइंतहा मोहब्बत वो अब साथ नहीं मेरे... इस बात को आज भी मैं ठुकराता हुँ कोई पढ़ ना ले ये दर्द... इसलिए अब आँखें सबसे चुराता हुँ मैं भी नही जानता था कि मुझे बेइंतहा मोहब्बत हो चुकी है उससे वो यादों में बसर है इस क़दर... की अकेले बैठा - बैठा भी मुस्कुराता हुँ सारांश...जिंदगी का #beintahamohabbat #saranshzindagika