मौसम बदल गया मगर ख़ुमार वही है वो आए या फिर न आए इंतज़ार वही है न जाने क्या किया भोग लगा जो ये रोग हकीम बदलते गए मगर बीमार वही है कैसे लगे ताला इन जिस्म की दुकानों पर बेहया ग्राहक वही बेहया बाज़ार वही है नये मंच पे और क्या मंचन करेगा बेवकूफ़ तूने सिर्फ़ मुखौटा बदला है किरदार वही है भूमि पुत्र तेरे नसीब में सिर्फ़ फांसी ही है क्यूंकि सिर्फ़ गद्दी बदली है सरकार वही है नहीं मिलेगी तूझे नई सहर इस पन्ने पर मियां सिर्फ़ तारीखें बदली अख़बार वही है सुनो मुझसे उलझने की कोशिश मत करना मैंने सिर्फ़ दुश्मशन बदले हैं मेरे यार वही है ©Harlal Mahato #Mic #hidden_truths #Nojoto #nojotohindi #nojotopoetry Priya Gour Asha...#anu Rekha💕Sharma "मंजुलाहृदय" indian indira