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बांध कर रखा करें जुल्फ़ों को‌ जनाब, महकती हवाओं ने

बांध कर रखा करें जुल्फ़ों को‌ जनाब,
महकती हवाओं ने जब छेड़ा,
उस‌की घनी जुल्फ़ों को,
कसम से, बेईमान हो गया,
सूरज को आसमां में चमकना था धूप बन कर,
ठंडी छांव हो गया।
 🌝प्रतियोगिता-75 🌝
 
✨✨आज की रचना के लिए हमारा शब्द है ⤵️

🌹"महकती हवाएँ "🌹

🌟 विषय के शब्द रचना में होना अनिवार्य नहीं है I कृप्या 
केवल मर्यादित शब्दों का प्रयोग कर अपनी रचना को उत्कृष्ट बनाएं I
बांध कर रखा करें जुल्फ़ों को‌ जनाब,
महकती हवाओं ने जब छेड़ा,
उस‌की घनी जुल्फ़ों को,
कसम से, बेईमान हो गया,
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ठंडी छांव हो गया।
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केवल मर्यादित शब्दों का प्रयोग कर अपनी रचना को उत्कृष्ट बनाएं I
mrsrosysumbriade8729

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