यूं अकेला बैठा हूं कई दिनों से , खुद से भी बातें नहीं की कई शामो से , दुखी नहीं हूं किसी की यादों से , पर खुश भी नहीं हूं किसी की बातों से , यूं अकेला बैठा हूं कई दिनों से , हंसना तो छोड़िए मैं मुस्कुराया नहीं कई वर्षों से , खुद से भी बातें नहीं की गई शामो से , यू अकेला बैठा हूं कई दिनों से , सोया नहीं हूं कई रातों से , दुखी नहीं हो किसी की यादों से , पर खुश भी नहीं हो किसी की बातों से , यूं अकेला अकेला बैठा हूं कई दिनों से , खुद से भी बातें नहीं की कई शामो से ।। ©ऋषभ वर्मा (R.V.) yuhi baithe hai #alone