हर शाम नजर आओंगे तुम "मैं" छत के किसी कोनें से छिपकर देखता हूँ। दूरीयों का फासला कुछ ज्यादा तो नहीं,, .......लगता है, ईश्क तुम्हें भी है कहिं दिल में छुपते अरमाँ कातिलाना तो नहीं, हर शाम😍...#nojotoapp#nojotohindi#nojotoqutoes#shyari