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बेइंतहा मोहब्बत है तुमसे, पर तुम्हें कदर नहीं हम त

बेइंतहा मोहब्बत है तुमसे, पर तुम्हें कदर नहीं
हम तुम्हें चाहते हैं,पर तुम्हें फ़िक्र नहीं,
शिकायत करते हैं दिल‌ ही दिल में तुम्हारी,
पर जब सामने आते हो, तब सारी शिकायतें कोई ज़िक्र नहीं। 🎀 Challenge-374 #collabwithकोराकाग़ज़

🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 

🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है। 

🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। 4 पंक्तियों अथवा 25 शब्दों में अपनी रचना लिखिए।
बेइंतहा मोहब्बत है तुमसे, पर तुम्हें कदर नहीं
हम तुम्हें चाहते हैं,पर तुम्हें फ़िक्र नहीं,
शिकायत करते हैं दिल‌ ही दिल में तुम्हारी,
पर जब सामने आते हो, तब सारी शिकायतें कोई ज़िक्र नहीं। 🎀 Challenge-374 #collabwithकोराकाग़ज़

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🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है। 

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mrsrosysumbriade8729

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