शर्द शाम,जवां चांद और साथ आपका हो हाथों में हाथ बयां कुछ अनकहे जज़्बात,और ये खाब आपका हो हमारी हर गज़ल में हो सवाल-ए-इश्क तुमसे और हां में हर जवाब आपका हो मैं जब 80 की उम्र में लगाऊं हिसाब-ए -इश्क उसमें बस सारा हिसाब आपका हो ©Bebaak Shayar Bhupal #ishk__kitaab #DarkWinters