अतीत की उन गलियों में अब जाता नही कोई, ऊँची उड़ानों के लिए पँख फैलाता नही कोई। किसकी हिचकियाँ दिल को परेशान रखती है, याद मुझकों तो आज भी आता नही कोई। जज़्बातों के बिखरें मोती समेट लिए उस दिन, जिस दिन इश्क़ की आख़िरी कली मुरझाई कोई। 🎀 Challenge-261 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है। 🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। 6 पंक्तियों में अपनी रचना लिखिए।