आहट तेरी हल्की सी आहट, मेरे चेहरे की मुस्कुराहट की वजह बन गई। अनजानों को फरिश्तों सा अपनाना, तेरी यही करामत दिल में घर कर गई। ना रिश्ता दोस्ती का है, ना प्यार का, फिर क्यूं तेरी कमी मुझे आखर गई? अनजाने रिश्ते की, चादर में हि सही मैं ठंड में ठिठुरती बाला सी सिमट गई।। shivanigupta(razi) # a feeling