तेरे इश्क़ ने मुझे बिगाड़ दिया है मुराद कीमत जिसकी आज भी रकीब चुका रहा है, मेरी गलतियों पे भी ,जो तूने थामी थी चुप्पी अब रकीब मेरे गुनाहों का भार उठा रहा है गलतियो का भार