जब कोई गरीब अमीर बनने के सपने देखता है, और अपने हालातों को देखकर खामोश हो जाता है। कह देता है गर किसी और से अपने दिल की बात, तो दूसरा उससे कहता है यह मुँह और मसूर की दाल। ♥️ आइए लिखते हैं #मुहावरेवालीरचना_204 👉 यह मुँह और मसूर की दाल लोकोक्ति का अर्थ --- जब कोई अपनी हैसियत से अधिक पाने की इच्छा करता है। ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ दो लेखकों की रचनाएँ फ़ीचर होंगी।