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White दिसम्बर मुझे रास आता नहीं! कई साल गुज़रे कई

White दिसम्बर मुझे रास आता नहीं!

कई साल गुज़रे कई साल बीते, शब व रोज़ की गर्दिशों का तसलसुल दिल व जान में 
साँसों की परतें उल्टे हुए ज़लज़लों की तरह हाँपता है,
चटखते हुए ख्वाब आँखों की नाज़ुक रगें झेलते हैं,
मगर मैं एक साल की गोद में जागती सुबह को बे-कराँ चाहतों से अटी ज़िन्दगी की दुआ 
देकर अब तक वही जुस्तुजू का सफर कर रहा हूँ,
गुज़रता हुआ साल जैसा भी गुज़रा मगर साल के आखिरी दिन निहायत कठिन हैं,
"ऐ मेरे मिलने वालों!
नए साल की मुस्कुराती हुई सुबह गर हाथ आए तो मिलना के जाते हुए साल की 
साअतों में ये बुझता हुआ दिल,

धड़कता तो है मुस्कुराता नहीं ..!
दिसम्बर मुझे रास आता नहीं ..!!

©Haider Khan Idrees #sad_qoute #december #Love #urdu #hindiwritings #ishq #sensitive
White दिसम्बर मुझे रास आता नहीं!

कई साल गुज़रे कई साल बीते, शब व रोज़ की गर्दिशों का तसलसुल दिल व जान में 
साँसों की परतें उल्टे हुए ज़लज़लों की तरह हाँपता है,
चटखते हुए ख्वाब आँखों की नाज़ुक रगें झेलते हैं,
मगर मैं एक साल की गोद में जागती सुबह को बे-कराँ चाहतों से अटी ज़िन्दगी की दुआ 
देकर अब तक वही जुस्तुजू का सफर कर रहा हूँ,
गुज़रता हुआ साल जैसा भी गुज़रा मगर साल के आखिरी दिन निहायत कठिन हैं,
"ऐ मेरे मिलने वालों!
नए साल की मुस्कुराती हुई सुबह गर हाथ आए तो मिलना के जाते हुए साल की 
साअतों में ये बुझता हुआ दिल,

धड़कता तो है मुस्कुराता नहीं ..!
दिसम्बर मुझे रास आता नहीं ..!!

©Haider Khan Idrees #sad_qoute #december #Love #urdu #hindiwritings #ishq #sensitive