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उसकी खामोशी पर मैं अब हैरां नहीं होता नज़रअंदाज़ ह

उसकी खामोशी पर मैं अब हैरां नहीं होता
नज़रअंदाज़ होने पे,दिल परेशां नहीं होता

उसने ही उजाड़ा इक बसे बसाये शहर को
वर्ना ये शहर-ए-दिल कभी वीरां नहीं होता!

उसका ही करम था, जो हम रोते रहे ताउम्र
वर्ना इक दर्द हम पे इतना मेहरबां नहीं होता

 कविराज अनुराग #HeartBreak 
#sadpoetry💔 
#lovepoetry❤️ 
#Broken💔#Heart
#kaviraj
उसकी खामोशी पर मैं अब हैरां नहीं होता
नज़रअंदाज़ होने पे,दिल परेशां नहीं होता

उसने ही उजाड़ा इक बसे बसाये शहर को
वर्ना ये शहर-ए-दिल कभी वीरां नहीं होता!

उसका ही करम था, जो हम रोते रहे ताउम्र
वर्ना इक दर्द हम पे इतना मेहरबां नहीं होता

 कविराज अनुराग #HeartBreak 
#sadpoetry💔 
#lovepoetry❤️ 
#Broken💔#Heart
#kaviraj