"आईना "🍁 इक झूठ जरूरी है जिंदा रहने के लिए !!!!! (अनुशीर्षक में ) सुनो तुम आना इस बार तो जुग्नुओं को भर ले आना जेब में; देखो ना आस पास कितना अंधेरा इकठ्ठा कर लिया है मैंने इतना कि ख़ुद को भी मैं नहीं दिख रही ; कमरे में कुछ चुनिंदा कविताएं हैं जो कराह रही इस दीये की छोटी सी लौ में मानो कह रही हो कि अंजलि तुम ख़ुद को