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सुबह हो गई, दोपहर हुई, शाम हुई, रात भी गूजर गई.. य

सुबह हो गई, दोपहर हुई, शाम हुई, रात भी गूजर गई..
ये दिन क्यूँ  बदल नही रहा..?

पूजा की, दुआ की, माफी मांगी , नेकी भी की..
न जाने, ये वक्त क्यूँ  बदल नही रहा..?

घड़ी बदली, घर बदला, सोच बदली , शहर तक बदला..
ये हालात क्यूँ  बदल नही रहा..?

©kinjal mehta
  #Day #time #Conditions #Shayari #lefthand_sound