खुद प्यासे शहीद हो गए लेकिन करबला को खून पिलाया हुसैन ने,, 😭😭 सिर ऐ- हुसैन नेज़े पर था फिर भी क्या खूब कलाम सुनाया हुसैन ने,, 😖😭 सर कटाना मंजूर हुआ लेकिन सिर ना झुकाया हुसैन ने,,, 😭😖 लुटाकर घर -बार अपना तब जाकर इस्लाम बचाया हुसैन ने,, 😖😭 😖😖😭😭😭 ©#Aadilkhan #fourlinepoetry khan perfect®️ khan faika..