मैं भी शाय़र हूं... चमकते चेहरों के साथ सबको लिखते देखा तो मैं भी शाय़र बन बैठा... कुछ लिखने के लिए इश्क किया और धोखे की उम्मीद किया तब मैं शाय़र बन बैठा... कलम की धार तेज करने को,, अपनी उल्टी अभिव्यक्तियों में घुसने को खूब ज़ाम पिया और मैं शाय़र बन बैठा... अपने इर्द-गिर्द शाय़रों का हीं हुज़ूम देखकर कई बार कलम तोड़ दिया तब जाकर मैं भी शायर बन बैठा... अपने बद़सूरत चेहरे को खूब चमक़ाया सिर्फ़ लिखने के लिए, अपने चेहरे पर न जाने क्या-क्या लगाया और मैं शाय़र बन बैठा... हां अब, मैं भी शायर हूं... #मानस ।। ©Manas Krishna #Anhoni