#जंजीर इन जंजीरों को तोड़कर रुख हवा का मोड़कर चल रहे हैं देखो हम अपने बनाए रास्तों पर, आए कई तूफान यहां, पैर भी डगमगाए यहां, गिरे भी कई बार यहां, उठे संभले भी कई बार यहां, पर रुके नहीं ये पग मेरे, तोड़कर सब मुसीबतों की जंजीरों को, पार करते जा रहे हर बाधा को, कि देखो चलते जा रहे रास्तों पर, बनाने को एक आशियाना अपना... #शिवेन्द्र नाथ गुप्ता 'शिव' ©Shivendra Gupta 'शिव' #brokenbond