#OpenPoetry कितनी भी दूरियां बना ले मुझसे एक आवाज़ में तुझे बुला लूंगा लाख कर तु मुझसे नफ़रत ए हसीं एक दिन तुझे माना लूंगा भले ही दर्द देने आ करीब बाहें खोल सीने से लगा लूंगा लाख कर तु मुझसे नफ़रत ए हसीं एक दिन तुझे मै पा लूंगा #ShivEye #एक #दिन #तुझे #मै #पा #लूंगा #ShivEye