सफर में संभल कर चलना अनजान मिलते है, आसमां न देखते रहना रूठे पंछी भी मिलते है। सामने तो आपके तारीफों के पुल बांधे जायेगे, हकीकत में तो पीठ पीछे काटे मिलते है। जब था उसके साथ तो किसी और के साथ थी, उसको समझ न सके ये ताने भी मिलते है। सच जैसा भी हो सामने बोल देने की आदत है, तभी तो हर जगह मेरे खिलाफ बयान मिलते है। ऐ मेरे शहर की हवाएं ऐ मेरे रुआब-ऐ-कानपुर तेरे सिखाये हर कहानी के किरदार मुझसे मिलते है। मैंने अपनी कहानी सुनाई तो सिर्फ आईने को, ज़माने के किये तो मेरे अंदर कई बेजुबान मिलते है। इस देश के लिए मौत भी आये तो क्या गम है, हमारे अंदर तो भारत,इंडिया,हिंदुस्तान मिलते है। ©Ajay Tiwari Raja #India #kanpur