हमने यूं ही फिसलने का , बहाना क्या कर दिए... चाहने वालों ने तो जश्न में ,जाम भी छलका दिए.... हम फिर से मुस्कराते हुए उठ खड़े क्या हुए , सालों ने रोते हुए आह में आंसू बहा दिए , हम तो बेवजह ही गैरों को , अपना समझ लिये... शुक्र है केशव ने दर्पण में.... , सबके चेहरे दिखा दिए । #Results BA part 3rd