हमेशा ज़रूरत बढ़ती रही, और हम... उसी सिलसिले में घटते रहे....!! -मनीष कलाल हमेशा ज़रूरत बढ़ती रही, और हम... उसी सिलसिले में घटते रहे....!! *-मनीष कलाल*