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मंजिल की राह तकते वक्त, अपनी पसंदीदा राह के मिलने

मंजिल की राह तकते वक्त,
अपनी पसंदीदा राह के मिलने तक,
मैं ठहर सकता हूं, पर
चलना भूल नहीं सकता।
फिर दो-चार कदमों के संग,
भले कहीं पहोंच ना सकु,
पर अपने आसपास से
आनेवाले सफर के लिए,
कुछ यादें और कुछ नई बातें 
जरूर बटोर सकता हूं। 👣👣
#wait #destination #journey #stop #memories #learnings #hindipoems #grishmapoems
मंजिल की राह तकते वक्त,
अपनी पसंदीदा राह के मिलने तक,
मैं ठहर सकता हूं, पर
चलना भूल नहीं सकता।
फिर दो-चार कदमों के संग,
भले कहीं पहोंच ना सकु,
पर अपने आसपास से
आनेवाले सफर के लिए,
कुछ यादें और कुछ नई बातें 
जरूर बटोर सकता हूं। 👣👣
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