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1212 1122 1212 22(112) दबी हुई थी जो आवाज़ फिर सुनी

1212 1122 1212 22(112)
दबी हुई थी जो आवाज़ फिर सुनी मैंने।।
हैं दर्द इतने कि, देखा नहीं कभी मैंने।।

मैं मुद्दतों से रहा इंतिज़ार में उसके।
ग़ज़ल जो लिक्खी थी उसने, अभी कही मैंने।।

ये आसमाँ रो रहा है तेरे लिए ही सनम।
पुकारा तुझको है जानाँ अभी-अभी मैंने।।

सबब है क्या मेरे ग़म का ख़ुदा बता मुझे तू।
शराब पी ली है मयख़ाने की सभी मैंने।।

"सफ़र" हयात का आसाँ नहीं है दुन्या में।
बहुत कठिन हैं ये राहें जो अब चुनी मैंने।। #सफ़र_ए_प्रेरित #ग़ज़ल #shayari #yqbaba #yqdidi #philosophy #life 

Pratibha Sharma 
Jannat Zahaan 
DEEPAK 
Hayaat Usman 
Riya Yadav
1212 1122 1212 22(112)
दबी हुई थी जो आवाज़ फिर सुनी मैंने।।
हैं दर्द इतने कि, देखा नहीं कभी मैंने।।

मैं मुद्दतों से रहा इंतिज़ार में उसके।
ग़ज़ल जो लिक्खी थी उसने, अभी कही मैंने।।

ये आसमाँ रो रहा है तेरे लिए ही सनम।
पुकारा तुझको है जानाँ अभी-अभी मैंने।।

सबब है क्या मेरे ग़म का ख़ुदा बता मुझे तू।
शराब पी ली है मयख़ाने की सभी मैंने।।

"सफ़र" हयात का आसाँ नहीं है दुन्या में।
बहुत कठिन हैं ये राहें जो अब चुनी मैंने।। #सफ़र_ए_प्रेरित #ग़ज़ल #shayari #yqbaba #yqdidi #philosophy #life 

Pratibha Sharma 
Jannat Zahaan 
DEEPAK 
Hayaat Usman 
Riya Yadav