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उगता सूरज बिखेरता किरणें अपनी फैल जाती सर्दी की को

उगता सूरज
बिखेरता किरणें अपनी
फैल जाती सर्दी की कोमल धूप चारों तरफ
खिल उठती फुलवारी  महक उठती बगिया
चहक उठते सभी पक्षी-वृन्द घोंसलों में अपने
त्याग रजाई की गरमाई खोल दरवाजे घर के
लग जाते काम-धंधों में सब ही अपने-अपने
निकल पड़ती  बाल-टोली खेलने को घर से 
आँगन;गली;मोहल्ला;सब ही उत्साह से भर जाते
हर जन आनन्द-मग्न सूरज की किरणों में नहाता
पा कर कोमल धूप का स्पर्श मन-पुष्प खिल उठता
जब सर्दी की सुबह का सूरज किरणें अपनी बिखराता...!

मुनेश शर्मा🌈🌈🌈
 सुप्रभात।
सुबह की कोमल धूप का स्पर्श मिलता है तो धरती खिल उठती है।
#कोमलधूप #yqdidi  #YourQuoteAndMine
Collaborating with YourQuote Didi
उगता सूरज
बिखेरता किरणें अपनी
फैल जाती सर्दी की कोमल धूप चारों तरफ
खिल उठती फुलवारी  महक उठती बगिया
चहक उठते सभी पक्षी-वृन्द घोंसलों में अपने
त्याग रजाई की गरमाई खोल दरवाजे घर के
लग जाते काम-धंधों में सब ही अपने-अपने
निकल पड़ती  बाल-टोली खेलने को घर से 
आँगन;गली;मोहल्ला;सब ही उत्साह से भर जाते
हर जन आनन्द-मग्न सूरज की किरणों में नहाता
पा कर कोमल धूप का स्पर्श मन-पुष्प खिल उठता
जब सर्दी की सुबह का सूरज किरणें अपनी बिखराता...!

मुनेश शर्मा🌈🌈🌈
 सुप्रभात।
सुबह की कोमल धूप का स्पर्श मिलता है तो धरती खिल उठती है।
#कोमलधूप #yqdidi  #YourQuoteAndMine
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