सियासत का खेल,गरीबी का पहाड़ मत करो... वो लाचार ग़रीब.. भूख को तरस रहे है.... तस्वीर उनकी दिखाकर यहा वहा यू गरीबी से खिलवाड़ मत करो..... कहा गइ वो दलीले तेरे इमान की... क्या मिट गइ है सारी दुकाने इंसान की... ये सारी दुनिया तुम मै सब मतलबी... वो भूखा चला जा रहा है... कम से कम उससे प्रशनो का सैलाब मत करो... इस तरह गरीबी से खिलवाड़ मत करो... आसू निर्मल है गंगा मईया सा.. यू बार बार पुकार कर उसे तूफान मत करो.... वो रो कर भी आत्मनिर्भर हो तो जाएगा... पर कम से कम सियासत के नाम पर तेरा मेरा एेसा ऐलान मत करो... विक्रेता इंसानो के.... यू गरीबी से खिलवाड़ मत करो.... जख्म नासूर रह ही जाएंगे... उस मां के, उस बूढे बाप के हां उस जख्म से भरे हर इंसान के.... पर ये तमाशा बेबात करके... उनके जख्मो को जार जार मत करो... दे दे मजिंल उसके हाथ उसकी बदिंशो की यू हर पहर, हर जगह पर बरसात मत करो.... गरीबी से यू खिलवाड़ मत करो.... #politics #cruel #reality #of #india🇮🇳