{Bolo Ji Radhey Radhey} धर्म कभी दो नहीं हो सकते हैं, हां मत, पंथ, मज़हब, सम्प्रदाय सैंकड़ों हो सकते हैं, और हैं, भारतीय संविधान में इन्हीं मत, पंत, मजहबों की स्वतंत्रता की बात कही गई है । ©N S Yadav GoldMine {Bolo Ji Radhey Radhey} धर्म कभी दो नहीं हो सकते हैं, हां मत, पंथ, मज़हब, सम्प्रदाय सैंकड़ों हो सकते हैं, और हैं, भारतीय संविधान में इन्हीं मत, पंत, मजहबों की स्वतंत्रता की बात कही गई है ।