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बहुत सहज बहुत सरल ,तेरी हर मुस्कान थी। जब तक छिपी

बहुत सहज बहुत सरल ,तेरी हर मुस्कान थी।
जब तक छिपी हुई मुझसे तेरी, असली पहचान थी।
संभल सका न, ऐसा तोड़ा,तूने मेरी उम्मीदों को
लगता है, अपनी इस खूबी से ,तू भी अनजान थी। #12th
बहुत सहज बहुत सरल ,तेरी हर मुस्कान थी।
जब तक छिपी हुई मुझसे तेरी, असली पहचान थी।
संभल सका न, ऐसा तोड़ा,तूने मेरी उम्मीदों को
लगता है, अपनी इस खूबी से ,तू भी अनजान थी। #12th
shubham6499

Shubham

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