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आसान मंज़िल निकल पड़े हैं,छूने मंज़िलें मोहोब्बत की,

आसान मंज़िल निकल पड़े हैं,छूने मंज़िलें मोहोब्बत की,
हो हमसफर कोई तो ठीक,या तन्हा होंगे।।
वैसे भी,देखता हूँ रोज़ सारे अपनों को,
 रोज़े महसर सुना है वो भी तो तनहा होंगे,।।

©yogya bhai 1111 #tanha #shayar #राही #राहत 
#WForWriters
आसान मंज़िल निकल पड़े हैं,छूने मंज़िलें मोहोब्बत की,
हो हमसफर कोई तो ठीक,या तन्हा होंगे।।
वैसे भी,देखता हूँ रोज़ सारे अपनों को,
 रोज़े महसर सुना है वो भी तो तनहा होंगे,।।

©yogya bhai 1111 #tanha #shayar #राही #राहत 
#WForWriters