सूनी हो रात बिन चाँद तारों के जैसे बिन जल मीन तडफती हो जैसे बिन बाती दिया न जले जैसे तुम्हे कैसे बताए ,क्या क्या दौर जिन्दगी मे हमने देखे कैसे कैसे, फिर तू ही बता मेरे मितवा, तुम बिन जिया जाए कैसे******* ©Poonam Rani Summan #8LinePoet Pranav Mishra