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फूल🌺🌻🌹🌷 खिल सकता है "रेगिस्तान में"

 फूल🌺🌻🌹🌷 खिल सकता है
         "रेगिस्तान में" सुप्रभात। 
   फूल खिल सकता है रेगिस्तान में
हां "सहरा" भी बदल सकता है ग़ुलिस्तान में।

ग़र हो हिम्मत और हौसला,तो छेद कर सकते हैं आसमान में।
लद गए वो दिन,जब मरघट सा सन्नाटा होता था रेगिस्तान में ।

कभी प्यासे  तो कभी भूखों, मरने की नौबत आती थी रेगिस्तान में।
 फूल🌺🌻🌹🌷 खिल सकता है
         "रेगिस्तान में" सुप्रभात। 
   फूल खिल सकता है रेगिस्तान में
हां "सहरा" भी बदल सकता है ग़ुलिस्तान में।

ग़र हो हिम्मत और हौसला,तो छेद कर सकते हैं आसमान में।
लद गए वो दिन,जब मरघट सा सन्नाटा होता था रेगिस्तान में ।

कभी प्यासे  तो कभी भूखों, मरने की नौबत आती थी रेगिस्तान में।
anitasaini9794

Anita Saini

Bronze Star
New Creator