मेरी खामोशियाँ, मेरा लहजा, मेरी हर इबादत, हर वक़्त तुझे पुकारती रही, वो ख़ुश था अपनी जिंदगी में, मेरी जिस्म से जान आहिस्ते आहिस्ते जाती रही.... ©अधिवक्ता दीक्षित #याद... #मैं_तुम्हारी याद #Rose