तुझसे जो ये मेरा रिश्ता है माँ अनोखा अदभुत अतुलनीय है माँ !! हुई दोस्ती से जिसकी शरुआत पग पग निभाया तूने मेरा साथ !! प्रसाद की कामना से पहले मेरा कर्म बताता है मुझे हमारे रिश्ते का मर्म !! शिथिलता सी आ रही मुझमें इन दिनों शक्ति दे कहकर कि तूम फिर कर्म चुनो !! बसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं !!